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पातंजल योग दर्शन

21.00

इस नोट्स के अंतर्गत महर्षि पतंजलि ने योग के मूल रूप को समझाया है, चित्त की वृत्तियां व उसके निरोध के उपाय, क्रिया योग, अष्टांग योग, समाधि, संयम जनित विभूतियों के आधार पर आज विभूतियों का वर्णन इस नोट्स में किया है,, साथ में महर्षि पतंजलि द्वारा पंच क्लेश, चित् विक्षेप और योग अंतरायों से मुक्ति का उपाय भी बताया गया है।

 

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